नहाने का साबुन खरीदते समय TFM देखना क्यों ज़रूरी है?
परिचय
हम में से अधिकतर
लोग साबुन खरीदते समय केवल उसकी
खुशबू, ब्रांड या रंग पर
ध्यान देते हैं। लेकिन
क्या आपने कभी पैकेट
पर लिखा TFM % देखा है? अगर
नहीं देखा, तो अगली बार
ध्यान दीजिए, क्योंकि यही बताता है
कि साबुन आपकी त्वचा के
लिए कितना सुरक्षित और लाभकारी है।
🧪 TFM (Total Fatty
Matter) क्या है?
TFM का
मतलब है "कुल वसा तत्व"। यह प्रतिशत
में मापा जाता है
और यह दर्शाता है
कि उस साबुन में
कितनी मात्रा में फैटी एसिड्स
हैं। उच्च TFM का अर्थ है
कि साबुन में साफ-सफाई, नमी बनाए रखने और त्वचा को नुकसान न पहुंचाने की क्षमता ज़्यादा
है।
🧴 TFM आधारित साबुन ग्रेड
ग्रेड |
TFM प्रतिशत |
गुणवत्ता |
त्वचा पर असर |
ग्रेड 1 |
76% से अधिक |
उच्चतम |
मॉइस्चराइजिंग, कोमल |
ग्रेड 2 |
70%–75% |
अच्छी |
हल्की नमी बनाए रखता है |
ग्रेड 3 |
60%–69% |
सामान्य |
त्वचा को सुखा सकता
है |
🔍 क्यों ज़रूरी है TFM पर ध्यान देना?
- त्वचा की सुरक्षा – उच्च TFM त्वचा को शुष्क नहीं करता
- प्राकृतिक तेलों की उपस्थिति – त्वचा पोषित रहती है
- साबुन का घुलनशील गुण – बेहतर झाग और सफाई
- कम केमिकल्स – एलर्जी और जलन की संभावना कम
🇮🇳 भारत में उच्च TFM वाले लोकप्रिय साबुन (ग्रेड 1)
ब्रांड |
TFM (%) |
विशेषता |
Mysore Sandal |
80% |
चंदन सुगंध, मॉइस्चराइजिंग |
Doy Care |
80% |
मुलायम त्वचा के लिए |
Cinthol |
79% |
ताजगी और एंटी-बैक्टीरियल |
Nivea |
78% |
नमी बनाए रखता है |
Yardley
London |
78% |
इंग्लिश फ्रेगरेंस, कोमल |
Himalaya
Neem-Turmeric |
76% |
एंटीसेप्टिक गुण |
🧼 ग्रेड 2 साबुन (TFM 70–75%)
ब्रांड |
TFM (%) |
विशेषता |
Santoor |
72% |
हल्दी-चंदन, त्वचा चमकदार |
Margo |
71% |
नीम के औषधीय गुण |
Dettol |
71% |
एंटी-बैक्टीरियल सुरक्षा |
Lifebuoy |
70% |
बैक्टीरिया से सुरक्षा |
⚠️ ग्रेड 3 साबुन
(TFM 60–69%)
ब्रांड |
TFM (%) |
विशेषता |
Medimix |
60% |
हर्बल तत्व, त्वचा के लिए हल्का |
Lifebuoy Mild |
60% |
कठोर सफाई, मॉइस्चर कम |
👩⚕️ सही साबुन कैसे चुनें?
- त्वचा प्रकार को समझें: सूखी त्वचा हो तो ग्रेड 1 चुनें।
- TFM
लेबल देखें: पैकेट पर लिखा TFM प्रतिशत पढ़ें।
- प्राकृतिक घटक चुनें: एलोवेरा, हल्दी, नीम आदि से युक्त साबुन बेहतर।
- सुगंध vs. गुणवत्ता: केवल सुगंध के आधार पर न चुनें।
📜 साबुन का इतिहास (संक्षेप में)
साबुन
का इस्तेमाल प्राचीन मेसोपोटामिया और मिस्र में
2800 ईसा पूर्व से हो रहा
है। पहले यह प्राकृतिक
वसा और लकड़ी की
राख से बनता था।
आज, विज्ञान और अनुसंधान के
चलते, साबुन न केवल सफाई,
बल्कि स्किन केयर का भी
हिस्सा बन चुका है।
✅ निष्कर्ष
TFM केवल
एक तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि
एक त्वचा की सेहत का मापदंड है। अगली बार
जब आप साबुन खरीदें,
तो उसके पैकेट पर
TFM प्रतिशत ज़रूर देखें। उच्च TFM मतलब बेहतर गुणवत्ता,
कोमल त्वचा और सुरक्षित सफाई।
❓ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. TFM कितना
प्रतिशत होना चाहिए?
Ans: 76% से
ऊपर (ग्रेड 1) सबसे अच्छा माना
जाता है।
Q2. क्या
TFM कम होने से त्वचा को नुकसान होता है?
Ans: हां,
कम TFM वाले साबुन त्वचा
को रूखा और संवेदनशील
बना सकते हैं।
Q3. TFM पैकेट
पर क्यों नहीं लिखा होता?
Ans: कुछ
कंपनियाँ TFM नहीं दर्शातीं, जो
कि पारदर्शिता की कमी दर्शाता
है। ऐसे ब्रांड्स से
बचें।
Q4. बच्चों
के लिए कौन सा साबुन उपयुक्त है?
Ans: Nivea या Himalaya जैसे उच्च TFM वाले माइल्ड साबुन बच्चों के लिए बेहतर हैं।
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