बच्चों का स्क्रीन टाइम: डिजिटल युग में स्वास्थ्य पर खतरा और समाधान
भूमिका
आज के डिजिटल युग
में बच्चों के लिए मोबाइल,
टैबलेट और लैपटॉप आम
बात हो गई है।
पढ़ाई हो या मनोरंजन,
बच्चे स्क्रीन पर अधिक समय
बिता रहे हैं। लेकिन
क्या आप जानते हैं
कि यह बढ़ता स्क्रीन
टाइम उनके स्वास्थ्य के
लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है?
स्क्रीन
टाइम क्यों बढ़ रहा है?
कारण |
विवरण |
ऑनलाइन शिक्षा |
स्कूलों में डिजिटल लर्निंग का उपयोग बढ़
रहा है। |
मनोरंजन की विविधता |
यूट्यूब, वीडियो गेम, सोशल मीडिया का आकर्षण बच्चों
को बांधता है। |
पैरेंटल व्यस्तता |
नौकरी, गृहकार्य या रील्स में
व्यस्त माता-पिता बच्चों को स्क्रीन के
भरोसे छोड़ देते हैं। |
संयुक्त परिवार का अभाव |
दादा-दादी जैसे मार्गदर्शक न होने से
बच्चे अकेलेपन में स्क्रीन का सहारा लेते
हैं। |
स्क्रीन
टाइम से होने वाली प्रमुख बीमारियाँ
🔹 शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- मोटापा और डायबिटीज – लगातार बैठकर स्क्रीन देखने से शारीरिक गतिविधियाँ घटती हैं।
- कमर और गर्दन दर्द – खराब बैठने की आदत से पोस्टर की समस्या।
- आंखों की समस्या (Digital Eye
Strain) – जलन,
धुंधलापन, सिरदर्द, और दृष्टि में गिरावट।
🔹 मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी – अधिक समय स्क्रीन पर बिताने से सामाजिक जुड़ाव कम होता है।
- अकेलापन और आत्मघाती प्रवृत्तियाँ – ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया का दबाव।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई – लगातार स्क्रीन से ब्रेन की फोकस क्षमता घटती है।
सावधानियाँ
और समाधान
1️. स्क्रीन टाइम
सीमा निर्धारित करें
- 5-12
वर्ष के बच्चों के लिए अधिकतम 1-2 घंटे।
- स्क्रीन टाइम के दौरान ब्रेक लेना ज़रूरी है (20-20-20 नियम: हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)।
2️. बच्चों को
एक्टिव बनाएं
- रोजाना खेलकूद या योग करवाएं।
- बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें (साइक्लिंग, क्रिकेट, पार्क विजिट)।
3️. साप्ताहिक पारिवारिक
गतिविधियाँ तय करें
- वीकेंड पिकनिक, फैमिली वॉक, खेल रात्रि।
- मोबाइल-फ्री डिनर टाइम।
4️. शौक विकसित
करें
- चित्रकला, गायन, नृत्य, कहानी लेखन।
- संगीत, स्केचिंग या DIY क्राफ्ट प्रोजेक्ट्स से जुड़े।
5️. सकारात्मक पैरेंटिंग
- खुद भी स्क्रीन का सीमित उपयोग करें।
- बच्चों से खुलकर बात करें – स्क्रीन कंटेंट के बारे में भी।
6️. संयुक्त परिवार
का लाभ लें
- दादा-दादी का सान्निध्य बच्चों को भावनात्मक सुरक्षा और दिशा देता है।
- कहानियाँ, पारंपरिक खेल, और पारिवारिक मूल्य बच्चों को स्क्रीन से दूर कर सकते हैं।
विशेषज्ञ
की राय
डॉ.
शालिनी मिश्रा (बाल रोग विशेषज्ञ):
“हर माता-पिता को
यह समझना होगा कि टेक्नोलॉजी
बच्चों की ज़रूरत है,
लेकिन उसकी लत नहीं।
समय पर रोकथाम और
संतुलन से ही बच्चों
का संपूर्ण विकास संभव है।”
अक्सर
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: बच्चों
के लिए कितनी स्क्रीन टाइम सुरक्षित है?
👉
WHO के अनुसार 5-12 वर्ष के बच्चों
के लिए 1 घंटे और 13-18 वर्ष
के लिए 2 घंटे प्रतिदिन पर्याप्त
है।
Q2: क्या
शैक्षणिक वीडियो भी सीमित करने चाहिए?
👉
हां, पढ़ाई के नाम पर
भी ज्यादा स्क्रीन पर रहना नुकसानदेह
हो सकता है। समय
सीमित करें।
Q3: बच्चों
को स्क्रीन से कैसे दूर रखें?
👉
खेल, शौक, पारिवारिक समय
और मोटिवेशनल कहानियाँ उन्हें व्यस्त रखें।
Q4: क्या
नीली रोशनी फिल्टर चश्मा उपयोगी है?
👉
हां, लंबी स्क्रीन टाइम
के लिए Anti-Glare या Blue Light Filter चश्मा मददगार होता है।
निष्कर्ष
स्क्रीन टाइम पूरी तरह गलत नहीं है, लेकिन इसकी अधिकता खतरनाक साबित हो सकती है। माता-पिता और अभिभावकों को समय रहते सतर्क होना होगा। बच्चों को तकनीक की दुनिया में सुरक्षित रखते हुए उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास की ओर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। संतुलित स्क्रीन टाइम से ही हम आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ भविष्य दे सकते हैं।
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